किसी से संपर्क न कर पाना या संचार का कोई साधन न होना सबसे बड़ी सजा: प्रकाश जावड़ेकर

संचार के महत्व को देखते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि किसी से भी संपर्क न कर पाना या संचार का कोई साधन न हो सबसे बड़ी सजा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के एक कार्यक्रम में जावड़ेकर ने कहा, ‘लोगों के मन में सारा पड़ा रहे, और किसी से कुछ न बोलो, इससे बड़ी सजा और क्या होती है? किसी से संपर्क न हो, किसी से बात न कर सकते हो, और आपके पास कम्यूनिकेशन का कोई साधन न हो, ये सबसे बड़े सजा है.’
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जावड़ेकर ने कहा कि इसी लिए सामुदायिक रेडियो एक बेहद महत्वपूर्ण संचार माध्यम है. उन्होंने कहा कि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने विश्वसनीयता को पहचाना और इसका इस्तेमाल किया. इसी तरह मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी.
जावड़ेकर ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 75 दिनों पर एक बुकलेट भी लॉन्च किया. उन्होंने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने, तीन तलाक विधेयक और संसद के पहले सत्र पारित किए गए कई विधेयकों को सरकार की उपलब्धियों के रूप में दर्शाया.

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