10 हजार तक मिलेगा उपभोक्ता ऋण : सुशील मोदी

राज्य सरकार ने बाढ़ग्रस्त इलाके में लोगों को बैंकों के कर्ज से राहत देने के लिए बड़ी पहल शुरू की है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बैंकों को राज्य के बाढ़ग्रस्त 13 जिलों के कर्जदारों के कर्ज को दो साल के लिए पुनर्गठित करने का निर्देश दिया. पीड़ित इलाके में सभी बैंक उपभोक्ताओं को 10 हजार तक ऋण दिये जायेंगे. इस मामले को लेकर डिप्टी सीएम ने बुधवार को मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बैंकों के उच्चाधिकारियों के साथ अहम बैठक की. उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त जिलों में 10 दिनों के अंदर जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक करने का भी निर्देश दिया गया है. ताकि इन राहतों को सही तरीके से लागू किया जा सके और लोगों को तुरंत इससे फायदा मिल सके. बाढ़ग्रसत 13 जिलों में दरभंगा, मधुबनी, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्णिया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, सुपौल, पू‌र्वी चंपारण, सहरसा, पश्चिमी चंपारण और कटिहार शामिल हैं. इसमें दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और अररिया जिलों में सबसे ज्यादा क्षति हुई है. 
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डिप्टी सीएम ने कहा कि आपदा की वजह से कर्ज पुनर्गठित होने की स्थिति में एक साल तक कर्ज की वसूली स्थगित रखी जायेगी. साथ ही अगली फसल के लिए केसीसी के तहत ताजा ऋण देने का प्रावधान भी है. वहीं, स्थगित अवधि के बकाये कर्ज पर केसीसी कर्जदारों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा. बाढ़पीड़ितों को राज्य सरकार प्रति परिवार छह हजार रुपये की दर से अब तक 21 लाख 70 हजार परिवारों के बीच एक हजार 300 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे उनके खाते में भुगतान कर चुकी है. बाढ़ की वजह से 130 लोगों की मौत हो चुकी है. बड़े पैमाने पर मकानों और फसलों की क्षति हुई है. इस बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉॅ एस सिद्धार्थ, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अलावा भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया और बैंक आॅफ बड़ौदा के अधिकारी मौजूद थे.
 

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