कर्नाटक के राज्यपाल वजु भाई वाला का कार्यकाल 31 अगस्त तक

 गुजरात के पूर्व वित्त मंत्री और बहरहाल कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के लिए वे राजनीति की पहली सीढ़ी बने थे। इसके अलावा कर्नाटक में हुए नाटक के समाधान में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई।

1980 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
1980 में महानगरपालिका के मेयर पद से अपने राजनीतिक जीवन की यात्रा शुरू करने वाले वजुभाई वाला गुजरात में बनी भाजपा सरकार में वित्त मंत्री बने थे। 80 वसंत देख चुके वाला अब अपनी उम्र के कारण फिर राज्यपाल नहीं बनना चाहते और गुजरात में ही रहना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि 1 सितम्बर 2014 को उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया था।

1985 में पहली बार बने विधायक 
राजकोट के मेयर पद के बाद 1985 में उन्होंने राजकोट पश्चिम सीट से विधायक बने। इसके बाद यह सीट भाजपा का अभेद्य गढ़ बन गई। 2001 में नरेंद्र माेदी जब मुख्यमंत्री बने, तब उन्हें सबसे सुरक्षित सीट की आवश्यकता थी। इस समय वजुभाई सामने आए और उन्होंने मोदी के लिए अपनी सीट खाली कर दी। इसी सीट से नरेंद्र मोदी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़कर आए।

18 बार बजट पेश किया
1995 से 2012 तक वजुभाई भाजपा सरकार के वित्त मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने 18 बार विधानसभा में बजट पेश किया। जो एक रिकॉर्ड है। वे 2012 में विधानसभा चुनाव में जीत तो गए, परंतु उसी समय मोदी ने उन्हें मंत्री पद देने के बजाए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया। वैसे 1985 से 2012 तक वे 8 बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने।

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