Jammu Kashmir: सचिवालय से 67 साल बाद उतारा गया राज्य का झंडा, तिरंगा फहराया

नागरिक सचिवालय में राष्ट्र ध्वज के साथ लहराने वाला लाल रंग का तीन सफेट पट्टियों वाला राज्य ध्वज 67 साल बाद इतवार को उतर गया। अब सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज ही लहरा रहा है। पांच अगस्त को राज्य की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के बाद इस ध्वज का कोई औचित्य नहीं रह गया था।
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों के तहत जम्मू कश्मीर का अलग निशान (ध्वज) और अलग विधान था। भारत में विलय के बाद जम्मू कश्मीर की संविधान सभा ने 7 जून 1952 में राज्य के लिए अलग झंडे को मंजूरी दी थी। लाल रंग के इस झंडे पर हल का निशान और तीन पट्टियां थी। यह तीन सफेद पट्टियां राज्य के तीन प्रांताें जम्मू, कश्मीर व लददाख का प्रतिनिधित्व करती हैं। इतिहासकारों का मत है कि 1931 में तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान जख्मी हुए एक आंदोलनकारी ने खून से सनी अपनी कमीज निकाली और लोगों ने उसे फहराया। इसके बाद 11 जुलाई 1939 को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने इस पार्टी के ध्वज के रुप में अपनाया। इसमें हल का निशान आम अवाम और राज्य के कृषक वर्ग को दर्शाता है। विलय के बाद जब इस ध्वज को राज्य का ध्वज बनया गया तो इसमें तीन सफेद पट्टियां भी शामिल की गई।

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