मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का पैसा लड़कियों को नहीं मिला है. कमलनाथ सरकार ने इसकी राशि 51 हज़ार रुपए कर दी थी, लेकिन ख़ज़ाना खाली होने के कारण वो किसी को भी इसका पैसा नहीं दे पायी. अब हालत ये है कि वो इमरजेंसी फंड से पैसा मांग रही है.
मध्य प्रदेश सरकार बजट की कमी से जूझ रही है. उसे बीजेपी की पुरानी शिवराज सरकार से विरासत में प्रदेश का खाली ख़ज़ाना मिला था. वो बार-बार कर्ज़ ले रही है. ये हाल है कि उसके पास मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना के लिए भी पैसा नहीं है. प्रदेश में शादियां तो हो रही हैं लेकिन लड़कियों को पैसा नहीं दिया जा रहा.
खाते में नहीं पहुंचा पैसाकांग्रेस ने सत्ता में आते ही कन्यादान विवाह औऱ निकाह योजना की राशि 51हजार रुपए कर दी थी. लेकिन आज तक एक भी विवाहित जोड़े को 51हजार रुपए नहीं मिले. 5 महीने में कुल 2,500 जोड़ों की शादी हुई. लेकिन एक भी जोड़े के खाते में पैसा नहीं पहुंचा.फिलहाल हिंदुओं के शादी-ब्याह बंद हैं. अब देवउठनी एकादशी के बाद शादी होगी. इसलिए सरकार इमरजेंसी फंड से इनके लिए पैसा मांग रही है. ताकि बेटियों को समय पर पैसा दिया जा सके.
पाकिस्तान ने मानी हार, बोला- मोदी ने दुनिया से हमें किया अलग-थलगभाजपा की आपत्तिभाजपा ने इस पर आपत्ति जताई है. उसका कहना है मुख्यमंत्री के बंगलों के रेनोवेशन पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए. मंत्रियों के बंगले पर बजट खर्च हो रहा है.नया जेट खऱीदा जा रहा है लेकिन बेटियों को देने के लिए कमलनाथ सरकार के पास पैसा नहीं है.
शिवराज सरकार ने गरीब बेटियों की शादी के लिए ये योजना शुरू की थी. लेकिन कांग्रेस सरकार में एक भी बेटी को इसका लाभ नहीं मिला है.
इस बीच सरकार ने सामूहिक विवाह समारोह की नयी तारीख़ों का भी एलान कर दिया है. 50 विवाह सम्मेलनों का लक्ष्य रखा गया है. कमिश्नर, जनपद सीईओ और नगरीय निकायों के सीएमओ को ये लक्ष्य हासिल करने का जिम्मा सौंपा गया है.