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जानिए किस नेता ने 370 पर मोदी शाह के बाद सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद भाजपा के बडे़ हेडलाइन मेकर में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद भाजपा सदस्यता अभियान के प्रमुख शिवराज सिंह चौहान हैं.
भाजपा की टॉप लाइन लीडरशिप में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद जानते हैं कि किस राजनेता ने अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पिछले 15 दिनों में सबसे ज़्यादा हेडलाइन बटोरी है? तो वो मोदी सरकार के टॉप पांच मंत्रियों में शामिल निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी, एस जयशंकर, नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल नहीं बल्कि भाजपा सदस्यता अभियान के प्रमुख और मध्य प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान हैं. मध्य प्रदेश में चुनाव हारने के बाद से ही शिवराज के सितारे गर्दिश में दिख रहे थे और वे सिर्फ राज्य की राजनीति में ही सक्रिय रहना चाहते थे. लेकिन उन्हें मोदी और शाह ने केंद्र में सदस्यता समिति में शामिल किया और उन्होंने अपनी विपरीत परिस्थिति को भी अपने फायदे में तब्दील कर दिया है.
नेहरू की वजह से पीओके बना
गोवा में भाजपा सदस्यता अभियान की समीक्षा करते हुए शिवराज ने कहा, ‘कई बार मैं नेहरू के विचारों से हैरान हो जाता हूं.’
‘जब आज़ादी के बाद कश्मीर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय सेना ने खदेड़ दिया तो नेहरू कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ लेकर चले गए. नेहरू के एकतरफ़ा युद्धविराम से आधा कश्मीर पाक के क़ब्ज़े में रह गया जो आज पाक के क़ब्ज़े वाला कश्मीर है.’
गोवा की पुर्तगालियों से मुक्ति में देरी नेहरू की वजह से हुई
गोवा में शिवराज ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने न सिर्फ जम्मू और कश्मीर में ऐतिहासिक गलती की, बल्कि पुर्तगालियों से गोवा की आज़ादी में देरी भी नेहरू की वजह से हुई.
एक देश में दो प्रधान, दो निशान, दो विधान
जयपुर में भाजपा सदस्यता अभियान की समीक्षा करने पहुंचे शिवराज ने एक बार फिर जवाहर लाल नेहरू को धारा 370 लागू करने के लिए कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, ‘कश्मीर के भारत में विलय के वक्त महाराजा हरि सिंह ने विशेष दर्जा जैसी कोई मांग नहीं की थी. जब शेख़ अब्दुल्ला ने विशेष दर्जे का प्रारूप बनाने को कहा तो आम्बेडकर ने भी साफ़ मना कर दिया था.
‘एक देश में दो प्रधान, दो निशान, दो विधान सिर्फ देश के साथ अन्याय नहीं था बल्कि देश के साथ किया गया अपराध था.’
चौहान के इस बयान पर खासी प्रतिक्रिया हुई. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज नेहरू के चरणों के धूल के बराबर भी नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट विनय सहस्त्रबुद्धे कहते हैं, ‘शिवराज जी को जो भी ज़िम्मेदारी जब मिली है उन्होंने मेहनत से पूरी की है. वो पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता है और उन्होंने सदस्यता अभियान को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.’
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राहुल गांधी रणछोड़ दास हैं
गोवा में प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवराज ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को रणछोड़ दास करार दिया. शिवराज ने कहा जब डूबते जहाज़ को कैप्टन की जरूरत थी तो राहुल गांधी रणछोड़ दास की तरह डूबते जहाज़ को छोड़कर भाग खड़े हुए.
मोदी और अमित शाह कृष्ण-अर्जुन हैं
अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने पर मोदी- शाह के नेतृत्व की तारीफ़ करते हुए शिवराज ने कहा, ‘वे देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए कृष्ण और अर्जुन की तरह मेहनत मे लगे हैं.’
एक नरेंद्र दूसरे नरेंद्र के सपने को पूरा कर रहा 
ओड़िशा में 10 अगस्त को भाजपा सदस्यता अभियान की समीक्षा करने पहुंचे शिवराज ने कहा, ‘कभी एक नरेंद्र ने कहा था मैं भारत को विश्व गुरू बनते हुए देख रहा हूं. आज एक नरेंद्र उस सपने को पूरा कर रहा है.’
नवीन पटनायक पत्थर से भी गए गुज़रे 
ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर व्यंग करते हुए शिवराज ने कहा, ‘ओड़िशा के मुख्यमंत्री गज़ब हैं, अगर पत्थर को भी मुख्यमंत्री बना देते तो वह भी इतने दिन में उड़िया में बोलना सीख जाता. पटनायक की उड़िया न बोलने के लिए आलोचना होती रही है.
नेहरू को हारे हुए कश्मीर की चिंता नहीं थी
भोपाल में शिवराज ने फिर नेहरू पर हमला किया. उन्होंने कहा, ‘1962 के युद्ध में चीन से हार के बाद संसद में जब बहस चल रही थी तो नेहरू ने कहा था उस हिस्से के ऊपर इतना हल्ला क्यों मचा है जहां घास का एक तिनका भी नहीं उग सकता. तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महावीर त्यागी ने नेहरू को जवाब देते हुए कहा, ‘अगर मेरे सिर पर बाल नहीं है तो क्या सिर काटकर फेंक दूं.’
देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू पर जितने राजनैतिक हमले पीएम मोदी ने एक साल में नहीं किए उससे ज्यादा का कोटा लो प्रोफ़ाइल रहे शिवराज सिंह चौहान ने एक महीने में पूरा कर दिया. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान के ये सारे बयानों ने गोवा, राजस्थान,  मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड के अख़बारों और टीवी न्यूज में पहले पन्ने पर जगह बनाई.
शिवराज को राजनीति में बाउंसबैक करना आता है. शिवराज को मध्य प्रदेश से निकालकर दिल्ली लाने के लिए उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया फिर उन्हें सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया गया. उन्होंने भोपाल से भाजपा के सदस्यता अभियान की कमान संभालते हुए चार करोड़ से ज्यादा नए सदस्य पार्टी में जोड़े हैं.
वहीं पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट प्रभात झा शिवराज सिंह की तारीफ करते हुए कहते हैं, ‘नेहरू की ग़लतियों को सब जानतें हैं और भाजपा नेहरू की ऐतिहासिक भूल को उठाती रही है. शिवराज जी सदस्यता अभियान के प्रमुख होने के नाते जनता तक अपनी बात पहुंचायी है.’
यानि शिवराज ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को गंवाने के बाद वसुंधरा राजे और रमन सिंह की तरह नेपथ्य में चले जाने के बजाय किसी न किसी बहाने सुर्खियों में बने रहने का नुस्खा पात है. और ये दिखाता है कि उनमें एक विलक्षण नेता के गुण हैं और वो हार को भी जीत में तब्दील करने में सक्षम हैं.

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