गांधी जयंती से भारतीय रेलवे सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कहेगा ‘नो’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश में ‘नो प्लास्टिक’ का आह्वान किया. अपने भाषण में प्लास्टिक बैग का उपयोग नहीं करने और इससे दूर रहने का आग्रह भी किया, इसके बाद से ही प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ पूरे देश में अभियान शुरू हो गया है. चाहे संसद भवन परिसर हो या फिर भारतीय रेलवे अब ‘प्लास्टिक से मुक्त’ होगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी केंद्रीय स्कूलों और नवोदय विद्यालयों में एक बार इस्तेमाल होने प्लास्टिक पर रोक लगा दी है.
पीएम मोदी के अभियान में शामिल होते हुए रेलवे ने एक बार इस्तेमाल होने वाले (सिंगल यूज प्लास्टिक) प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने का फैसला किया है. मंत्रालय ने सभी वेंडर और स्टाफ को दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक का प्रयोग करने के लिए ​कहा है. पूरे देश में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती से प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने का संकल्प लिया जाएगा और इसी दिन से ‘प्लास्टिक फ्री रेलवे’ अभियान भी शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही रेलवे यात्रियों को प्लास्टिक के प्रयोग को किस तरह न करें इसके लिए जागरूक भी करेगा.
रेल मंत्रालय ने सभी रेल इकाईयों से एक बार प्रयोग में आने वाले 50 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक की सामग्री के प्रयोग पर 2 अक्टूबर से प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है. मंत्रालय का प्लास्टिक के कचरे को कम करने और ईको फ्रेंडली निस्तारण पर ज़ोर दिया जा रहा है. वहीं विभाग ने अपने कर्मचारियों से प्लास्टिक में कमी लाने के लिए कहा है.
आईआरसीटीसी की जिम्मेदारी होगी की वह प्लास्टिक की पीने की बोतलों को वह वापस बोतल निर्माता कंपनियों को भेजे. साथ ही मंत्रालय ने यह भी आदेश जारी किया कि ‘प्लास्टिक बोतल क्रशर’ मशीनें रेलवे को शीघ्रता से दी जाएं.
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संसद भी मुक्त होगी प्लास्टिक से
पीएम के ‘नो प्लास्टिक’ अभियान में  संसद भवन परिसर को भी प्लास्टिक मुक्त बनाए जाने का अभियान शुरू किया जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन परिसर की बोतलों और एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के लिए प्रयोग पर रोक लगाई है. लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्लास्टिक के सामान की बजाए पर्यावरण अनुकूल थैलों और सामान का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
केंद्रीय स्कूल और नवोदय स्कूलों में भी रोक
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें देश के करीब दो हज़ार स्कूल शामिल है. मंत्रालय ने इन स्कूलों के अलावा देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों से इसके इस्तेमाल पर रोकथाम के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए है.

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