अलवर में प्रियंका गांधी के खिलाफ कोर्ट में परिवाद पेश, 27 अगस्त को होगी सुनवाई

बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग (Pehlu Khan Mob lynching Case) मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की (Priyanka Gandhi) ओर से किए गए ट्वीट पर अलवर के एक अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय (Chief Judicial Magistrate Court) में परिवाद (Complaint) पेश किया है. मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण यह टल गई. अब इस पर 27 अगस्त को सुनवाई होगी.

दो दिन पहले पेश किया गया था परिवाद
अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने प्रियंका गांधी के खिलाफ अलवर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में 20 अगस्त को परिवाद पेश किया था. अधिवक्ता ने बताया कि पहलू खान मामले में न्यायालय ने 14 अगस्त, 2019 को फैसला सुनाया था. इसमें आरोपियों को बरी कर दिया था. यह प्रकरण मॉब लिंचिंग से संबंधित था और इसमें दो समुदायों की भावनाएं जुड़ी हुई थी. मामले में न्यायालय ने निर्णय पारित कर दिया था.

परिवादी अधिवक्ता के ये हैं तर्क
ऐसी स्थिति में कोई पक्ष न्यायालय के निर्णय से असंतुष्ट था तो उसके पास कानून सम्मत अपील का अधिकार मौजूद है. लेकिन प्रियंका गांधी के द्वारा न्यायालय के फैसले के विरुद्ध कथित अमर्यादित टिप्पणी की गई. बकौल जितेन्द्र शर्मा प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त हैं. उनके किसी भी बयान से जनभावनाएं आंदोलित हो सकती हैं. यह अपराध भारतीय दंड संहिता 153 और 504 के तहत दंडनीय अपराध है.

यह ट्वीट किया था प्रियंका गांधी ने
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है. हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नही होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है.

करीब सवा दो साल बाद आया था फैसला
पहलू मॉब लिंचिंग मामले में करीब सवा दो साल बाद गत 14 अगस्त कोर्ट ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में कोर्ट में चालान के बाद नियमित सुनवाई हुई थी, लेकिन पुलिस जांच में कई ऐसी खामियां रही जिनके चलते कोर्ट में पहलू खान का पक्ष कमजोर पड़ा और आखिर संदेह के लाभ पर आरोपी बरी हो गए.

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