बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा का पार्थिव शरीर आज मंगलवार की दोपहर दिल्ली से पटना लाया गया. इस मौके पर कांग्रेस, बीजेपी और जेडीयू के नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को पटना एयरपोर्ट से सीधे विधानसभा लाया जा रहा है. यहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर पटना के शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर रखा जायेगा. पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सुपौल जिले के बलुआ में राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को किया जायेगा.
कांग्रेस नेता अब भी 370 का हटने का कर रहे विरोध, बयानबाजी कर पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं : सुशील मोदीपूर्व मुख्यमंत्री के निधन से पैतृक गांव बलुआ में पसरा सन्नाटापूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के निधन से उनके पैतृक गांव बलुआ में सन्नाटा पसर गया है. हालांकि, उनके पैतृक आवास पर फिलहाल उनके परिजन नहीं हैं. इसके बावजूद उनके भतीजे और पड़ोस के लोग आवास पर पहुंच कर आनेवाले लोगों से मिल रहे हैं. डॉ मिश्रा के निधन की जानकारी मिलने के बाद गांव के लोग मायूस हैं. आवास पर पहुंचे लोगों का कहना है कि ये क्षति कभी पूरी नहीं हो सकती. गांव के लोग उनके किये कार्यों की चर्चा कर उन्हें याद कर रहे हैं.
अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ की वजह से डॉ मिश्रा ने तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. पहली बार उन्होंने मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी वर्ष 1975 में संभाली. दूसरी बार वे 1980 में मुख्यमंत्री बने. आखिरी बार वह वर्ष 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद वह 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे. बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने राजनीति में आने से पहले अपने कॅरियर की शुरुआत लेक्चरर के तौर पर की थी. बाद में उन्होंने बिहार यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दी. बिहार में डॉ मिश्रा का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है. मिथिलांचल के सबसे कद्दावार नेताओं में उनका नाम शुमार किया जाता है. मालूम हो कि सोमवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली थी.