जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने पर सरकार का होम वर्क शुरू

 
31 अक्तूबर 2019 को जम्मू कश्मीर के विधानसभा वाले और लद्दाख के बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए सरकारी स्तर पर होम वर्क का काम शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने सोमवार को इसके लिए तीन कमेटी गठित की हैं। 
एक कमेटी जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने पर स्टाफ (कर्मचारियों) से संबंधित मामले देखेगी। दूसरी कमेटी वित्तीय मामलों को डील करने से संबंधित मामले और तीसरी कमेटी प्रस्तावित केंद्र शासित बनने पर सरकारी विभागों में काम करने के तौर-तरीके तैयार करेगी। इसके लिए सामान्य प्रशासनिक विभाग की तरफ से सरकारी मंजूरी वाला आदेश जारी किया गया है।  
स्टाफ संबंधित मामले डील करने के लिए बनाई गई कमेटी में चेयरमैन समेत छह सदस्य होंगे। गृह विभाग के प्रधान सचिव को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। लद्दाख मामलों के विभाग के आयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव, संस्कृति विभाग के सचिव,  कानून, न्याय और संसदीय मामलों के विभाग के सचिव और वित्तीय विभाग के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। कमेटी प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश में स्टाफ मुहैया करवाने संबंधित मामलों पर अपने सुझाव सरकार को देगी।
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प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में वित्तीय मामलों को डील करने के लिए वित्त विभाग के आयुक्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में वित्त विभाग के आयुक्त सचिव चेयरमैन, गृह विभाग के प्रधान सचिव, बिजली विकास विभाग के आयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव और कानून, न्याय और संसदीय मामलों के विभाग के सचिव सदस्य रहेंगे। कमेटी केंद्र शासित प्रदेश में वित्तीय मामलों को डील करने मसलन फंड के वितरण पर सरकार को सुझाव देगी। 
 जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने पर काम करने के तौर-तरीको को तैयार करने के लिए राज्यपाल के सलाहकार के. स्कंदन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। वित्तीय विभाग के वित्त आयुक्त, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्त आयुक्त, राज्यपाल के वित्त आयुक्त, गृह विभाग के प्रधान सचिव, योजना, विकास और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव, आरएंडबी विभाग के आयुक्त सचिव, लद्दाख मामलों के विभाग के आयुक्त सचिव, सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, राजस्व विभाग के सचिव और कानून, न्याय और संसदीय मामलों के विभाग के सचिव सदस्य रहेंगे। 

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