पंचायत चुनाव में सरकारी मशीनरी और उम्मीदवारों की परीक्षा लेगा मौसम

उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में सितंबर-अक्टूबर में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मौसम इस बार मशीनरी के साथ ही उम्मीदवारों का कड़ा इम्तिहान लेगा। इसे देखते हुए चुनाव की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में प्रथम चरण के चुनाव जिला मुख्यालयों की नजदीकी पंचायतों में कराए जाएंगे। 
पिछले दो चुनावों में प्रथम चरण में दूरस्थ क्षेत्रों में चुनाव कराए गए थे। सूत्रों ने बताया कि सितंबर में बारिश होने के मद्देनजर दूरस्थ क्षेत्रों में दिक्कत आ सकती है। इसीलिए इस मर्तबा ये व्यवस्था की जा रही है। 
विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में जिन 7491 ग्राम पंचायतों में चुनाव होने हैं। इनमें 959 पंचायतें मैदानी स्वरूप की हैं, जबकि बाकी पर्वतीय क्षेत्रों में हैं। इन ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के 66344 पदों का चुनाव होना है। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 30 नवंबर तक चुनाव कराए जाने हैं। हालांकि, अभी त्रिस्तरीय पंचायतों में पदों व क्षेत्रों का आरक्षण होना शेष है, लेकिन इसकी समय सारिणी घोषित की जा चुकी है। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर 30 अगस्त को राज्य निर्वाचन को सूचना भेजने का कार्यक्रम तय किया गया है। इसके बाद आयोग चुनाव का कार्यक्रम घोषित करेगा। 
इस परिदृश्य के बीच मौसम के मिजाज ने सरकार और आयोग की चिंता भी बढ़ा दी है। राज्य में सितंबर आखिर तक बारिश होती है। इसे देखते हुए इस मर्तबा चुनाव के चरणों की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। 
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए पिछले पंचायत चुनावों की पड़ताल की गई। बात सामने आई कि वर्ष 2008 में सितंबर में चुनाव कराए गए थे, तब दूरस्थ क्षेत्रों में पहले चरण के चुनाव के दौरान खराब मौसम के कारण दिक्कतें आई थीं। अलबत्ता, 2014 में जून में चुनाव होने के कारण परेशानी नहीं हुई। 

More videos

See All