अब छत्तीसगढ़ी भाषा तय करेगी अफसरों का फ्यूचर, सरकार ने तैयार किया ये नया प्लान

छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग को बने कई साल हो गए, लेकिन इस बात को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे कि राज्य के गैर छत्तीसगढ़ी अधिकारी  और कमर्चारियों को छत्तीसगढ़ी भाषा का ना ही प्रशिक्षण दिया गया ना ही राजकाज में भाषा की अनिवार्यता की गई. वहीं अब सरकार राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों की सीआर लिखने के लिए छत्तीसगढ़ी की जानकारी को अनिवार्य करने पर  विचार कर रही है. इसके लिए जल्द प्रस्ताव तैयार किया जा सकता है. सरकार का मानना है कि इससे ना केवल गैर छत्तीसगढ़िया अधिकारी और कर्मचारी छत्तीसगढ़ी सीखेंगे और उसे उपयोग में लाएंगे, बल्कि इससे ग्रामीणों से उनका संवाद भी ठीक से हो पाएगा. वहीं इसके लिए मंत्रालय में अगले सप्ताह से प्रशिक्षण भी शुरू किया जा रहा है. वहीं बीजेपी ने भी इस पहल का स्वागत किया है.
बीजेपी ने किया फैसले का स्वागत:
छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के पूर्व सचिव सुरेन्द्र दुबे का कहना है कि ये विचार छत्तीसगढ़ी भाषा के साथ इस राज्य के स्थानीय निवासियों के हित में भी है. उनका कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बकायदा प्रशासनिक शब्दावली भी तैयार कराई थी, ताकि प्रशासनिक कामकाज में इसका उपयोग किया जा सके. वहीं छत्तीसगढ़िया क्रांतिसेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल का कहना है कि ये एक अच्छी पहल है. लेकिन सरकार को यह मॉनिटर करने की भी जरूरत है कि अधिकारी- कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ी जानने के बारे में जो दावा किया है वो सहीं है या नहीं. केवल कागज में भर दिया और प्रमोशन पालें, ये नहीं होना चाहिए.

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