नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल अगर 14 अगस्त को दिल्ली में नहीं पकड़े गए होते तो वह दिल्ली जाने के बजाय इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) में भारत के खिलाफ मामला दर्ज करा चुके होते। वह अनुच्छेद-370 समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने वाले थे।
तुर्की के लिए जाने वाले थे सूत्रों ने बताया कि शाह फैसल को गत बुधवार को दिल्ली में उस समय पकड़ा गया था जब वह तुर्की के लिए रवाना होने वाले थे। वह तुर्की के बाद (हेग) नीदरलैंड जाने वाले थे ताकि वह आइसीजे में भारत के खिलाफ मामला दर्ज करा सकें। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के मुताबिक कोई भी आम आदमी निजी हैसियत से आइसीजे में केस दायर नहीं कर सकता
फिलहाल हिरासत में हैं शाह फैसल फिलहाल, उन्हें यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में बंद रखा गया है। वहां पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, जेकेपीएम और नेकां के कई नेता और कार्यकर्ता भी बंदी बनाकर रखे गए हैं। शाह के संगठन का नाम जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट हैं।
परिजनों को नहीं मिलने देने का आरोपइस बीच, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के एक नेता ने बताया कि शाह फैसल के परिजनों को उससे नहीं मिलने दिया जा रहा। उनकी मां और पत्नी ने शाम को संबंधित प्रशासन से दोबारा आग्रह किया है। इसके बाद अब शनिवार को मुलाकात का मौका मिल रहा है।
Armed forces in Kashmir are detaining children and molesting women and girls amid a state-wide blackout, report claimsज्ञात हो कि जम्मू और कश्मीर के शाह फैसल ने साल 2010 में सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था। उन्होंने कश्मीर में हत्याओं और केंद्र सरकार की ओर से गंभीर प्रयास नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए नौकरी से इस्तीफा दिया था।