रामलला के वकील ने SC में स्कन्द पुराण का दिया हवाला

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई जारी है. 5 अगस्त से शुरू हुई इस सुनवाई का बुधवार को छठा दिन है. मंगलवार की सुनवाई में रामलला की तरफ से वकील सी. एस. वैद्यनाथन ने अपनी दलीलें रखीं और आज भी वह ही अपनी बात आगे बढ़ा रहे हैं. इस दौरान अदालत ने एक बार फिर रामलला पक्ष से जन्मभूमि पर कब्जे के सबूत मांगे थे. रामलला विराजमान से पहले निर्मोही अखाड़ा अपने तर्क अदालत में रख चुका है. बुधवार की सुनवाई के अपडेट यहां पढ़ें...
14.8.2019 की सुनवाई के अपडेट
11.05 AM: रामलला के वकील के द्वारा स्कन्द पुराण का जिक्र किए जाने पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप जिन शब्दों का जिक्र कर रहे हैं, उनमें रामजन्मभूमि के दर्शन का जिक्र है. इसमें किसी देवता का जिक्र नहीं है. जिसपर वकील वैद्यनाथन ने कहा कि रामजन्मभूमि ही अपने आप में देवता है.
10.54 AM: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. रामलला विराजमान की तरफ से सीएस. वैद्यनाथन अपनी दलीलें रख रहे हैं, उन्होंने अदालत के सामने पुराणों का हवाला देना शुरू किया है. मंगलवार को राजीव धवन ने कहा था कि रामलला के वकील सिर्फ अदालत के फैसले को पढ़ रहे हैं, कोई तथ्य नहीं दे रहे हैं. जिसके बाद अब उन्होंने पुराणों का जिक्र करना शुरू किया है.
रामलला के वकील की तरफ से अदालत में स्कन्द पुराण का जिक्र किया गया है. उन्होंने इस दौरान सरयू नदी-राम जन्मभूमि के इतिहास और महत्व के बारे में बताया.
रामलला विराजमान की तरफ से दलीलें रख रहे सी. एस. वैद्यनाथन ने कई बार अदालत में ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इतिहास से जुड़ी कई रिपोर्ट्स में इस बात को माना गया है कि वहां पर मस्जिद से पहले मंदिर था.
इसके अलावा उन्होंने तर्क दिया कि बाहरी लोगों ने मंदिर को तोड़ा और मस्जिद बनाई थी. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये मस्जिद बाबर ने ही बनवाई थी.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की पीठ कर रही है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने रामलला के वकील से सख्त सवाल दागे, उन्होंने कहा कि अगर आप दूसरे पक्ष से जमीन पर दावे के सबूत मांग रहे हैं, तो आपको भी सबूत पेश करने चाहिए. साथ ही अदालत ने कहा कि रामलला के वकील का नजरिया ही हर किसी का नजरिया नहीं हो सकता है, आप अपने तर्क रखें और लोगों को अपने तर्क रखने दें.
रामलला विराज के वकील सी. एस. वैद्यनाथन से पहले अदालत में के. परासरण, निर्मोही अखाड़ा की तरफ से सुशील कुमार जैन ने अपनी बात रखी. इस मसले को हफ्ते में पांच दिन सुना जा रहा है, हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वकील राजीव धवन ने इसका विरोध किया था लेकिन अदालत ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया.
गौरतलब है कि अयोध्या मामले की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है. इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.

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