PAK को एक और झटका, दोस्ती की नई इबारत लिखने भारत आएंगे शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अक्टूबर महीने में भारत दौरे पर आ सकते हैं. इस दौरे पर उनकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन्फॉर्मल मुलाकात होगी. ये मुलाकात ठीक उस तरह की होगी जिस तरह पिछले साल वुहान में एक समिट हुआ था. चीनी राष्ट्रपति का ये दौरा 11 और 12 अक्टूबर को हो सकता है. हालांकि, तारीखों का आधिकारिक ऐलान बाकी है. जम्मू-कश्मीर के मसले पर चीन से आस लगाए बैठे पाकिस्तान के लिए ये एक और झटका माना जा रहा है. बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस वक्त चीन में ही हैं और उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग ली से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर बात हुई थी. इस बीच अब प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात की बात सामने आई है.
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गौरतलब है कि 2018 के अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के वुहान दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. ये मुलाकात बिना किसी एजेंडे के हुई थी जिसमें कई मसलों पर चर्चा हुई थी. इस बैठक को लेकर कहा गया था कि इसमें कोई एक बंधा एजेंडा नहीं था, हर मुद्दे पर कुछ न कुछ चर्चा की गई. तब इस बात का भी जिक्र किया गया था कि इस तरह की समिट आने वाले समय में होती रहेंगी.
पाकिस्तान के लिए नहीं बची कोई उम्मीद
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर पाकिस्तान की तरफदारी करता दिखने वाला चीन इस बार उसकी नहीं सुन रहा है. पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य का बंटवारा करने का विरोध कर रहा है. इसी को लेकर उसने चीन से गुहार भी लगाई थी, पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन भी गए थे. लेकिन चीन ने इस मसले को भारत का आंतरिक मामला बताया. 
भारत ने चीन को बताया अपना रुख
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने दौरे के दौरान चीन को भारत का रुख बता दिया है. एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत ने जो फैसला लिया है वह हमारा अंदरूनी मामला है. इस फैसले से न तो चीन की सीमा पर फर्क पड़ता है ही पाकिस्तान पर. ये फैसला भारत के संविधान के तहत लिया गया है.

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