भाजपा ने नेताओं-प्रवक्ताओं को चेताया-370 पर मोदी और शाह की लाइन से बाहर न बोलें

कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद सुरक्षा व कानून व्यवस्था के साथ भाजपा अब बयानबाजी में भी एहतियात बरतेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें प्रवक्ताओं और टीवी-पैनलिस्ट को ताकीद की गई है कि वे अनुच्छेद 370 को लेकर उत्तेजक बयानबाजी न करें। इस मसले पर केंद्रीय संगठन की ओर से जो बिंदू भेजे जाएं, उन्हीं का इस्तेमाल करें। इसके अलावा कश्मीर में पूर्व में जो हुआ और आगे जो विकास होगा, उसी पर ध्यान केंद्रीत करें। 

जम्मू-कश्मीर से जुड़े राष्ट्रीय अथवा अंतरराष्ट्रीय मसलों पर कोई टीका-टिप्पणी न की जाए। पार्टी का छाेटा पदाधिकारी या हर कोई कुछ भी बोल रहा है, जिसकी वजह से दिक्कतें बढ़ती हैं। बैठक में प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने केंद्र की इस नसीहत पर सवाल पूछ लिया कि जब मप्र में कांग्रेस के नेता भाजपा के पक्ष में बोल रहे हैं तो हमें भी बोलना चाहिए। आप यह भी बता दो कि अब आगे क्या करें? इस पर केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि बयान दें, लेकिन पार्टी लाइन पूछकर। अनावश्यक बात न करें।

हर जिलों में प्रेस कांफ्रेंस भी की जानी चाहिए। इस पर प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने बताया कि उन्होंने तो अगले ही दिन प्रेस कांफ्रेंस भी कर ली, जिलों में भी कराकर निपटा दिया। इस पर केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि जल्दबाजी में एेसा क्यों कर लिया। दो-चार दिन बाद व्यवस्थित तरीके से जिलों में प्रेस कांफ्रेंस कराई जाए। साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह अब कश्मीर मसले पर हर स्तर पर पूरी एहतियात बरतना चाह रहे हैं। 

पार्टी में यह दूसरी बार है, जब नेता एक साथ दौरा करेंगे। इससे पहले केंद्रीय नेतृत्व ने कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साथ में दौरे करेंगे, लेकिन यह कुछ समय चल पाया। इसके बाद ज्यादातर नेता अलग-अलग जाने लगे। अब फिर राकेश सिंह व सुहास भगत साथ जाएंगे। 

भाजपा विधायकों की नब्ज टटोलने आज निकलेंगे राकेश-सुहास 
सदस्यता अभियान के बहाने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत संभागीय दौरे पर निकल रहे हैं। इसमें वे हर उस विधायक से वन-टू-वन करेंगे जिसकी स्थानीय स्तर पर अन्य नेताओं से अनबन चल रही है। यह भी टटोला जा रहा है कि कौन विधायक एेसा है, जिसके परिवार अथवा रिश्तेदार पूर्व या वर्तमान में कांग्रेस में हैं। विधायक का भी राजनीतिक बैकग्राउंड की भी जानकारी ले ली जाएगी। भाजपा अब आने वाले समय में एेसी किसी भी संभावनाओं को आगे नहीं बढ़ाना चाहती कि कुछ भाजपा विधायक कांग्रेस के संपर्क को लेकर चर्चा में आएं। शुरुआत विंध्य के रीवा संभाग से की जाएगी।

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