पहले संसद सत्र में अपनी ही पार्टी के लिए किरकिरी का कारण बने ये नेता

नई लोकसभा के गठन के बाद संसद के पहले सत्र में कुछ नेता अपनी ही पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गए. कुछ का नाम विवाद से जुड़ा तो कुछ की जुबान ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दीं. यही नहीं सपा के 3 राज्यसभा सदस्यों ने इसी सत्र के दौरान अपनी पार्टी का साथ छोड़ दिया. वहीं, कांग्रेस के भी एक सदस्य ने बीच सत्र में बीजेपी ज्वाइन कर ली. ऐसे में इन नेताओं की वजह से संसद के भीतर इन पार्टियों को शर्मिंदा होना पड़ा.
आजम खान
पहली बार जीतकर संसद पहुंचे सपा सांसद आजम खान की वजह से उनकी पार्टी की सबसे बड़ी फजीहत हुई. लोकसभा में आसन पर बैठीं बीजेपी सांसद रमा देवी पर विवादित बयान देकर आजम ऐसे फंसे कि उन्हें सदन में माफी तक मांगनी पड़ी. उनके बयान को तमाम दलों ने महिला विरोधी और संसदीय गरिमा के खिलाफ बताया, यहां तक कि बीजेपी सांसदों ने स्पीकर से आजम को सस्पेंड करने की मांग कर डाली. हालांकि, स्पीकर ओम बिड़ला ने विषय की गंभीरता को समझा और आजम खान से सदन में माफी मंगवाकर विवाद को बढ़ने से रोक दिया.
अधीर रंजन चौधरी
लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी पार्टी लाइन से अलग बात कहकर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि संयुक्त राष्ट्र 1948 से कश्मीर में मॉनिटरिंग करता आ रहा है. इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस का स्टैंड है कि संयुक्त राष्ट्र कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है. अधीर के इस बयान से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी नाराज दिखीं. बाद में उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी.
भुवनेश्वर कलिता
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा में वोटिंग से पहले कांग्रेस के सांसद भुवनेश्वर कलिता ने पार्टी के स्टैंड को न मानते हुए अपनी सदस्यता छोड़ दी. भुवनेश्वर से सांसद कलिता कांग्रेस के चीफ व्हिप थे. वोटिंग के दिन सभी सदस्यों को हाजिर रखने की जिम्मेदार उन्हीं पर थी, लेकिन ऐसे अहम दिन वह खुद ही सदन से नदारद रहे. सत्तापक्ष के सांसदों ने इस पर कांग्रेस सांसदों से चर्चा के दौरान चुटकी भी ली, जो पार्टी के लिए मुसीबत बनी. भुवनेश्वर कलिता जल्द बीजेपी में शामिल होने वाले हैं.
प्रणव मुखर्जी हुए भारत रत्न सम्मान समारोह से गांधी परिवार ने बनाई दूरी
संजय सिंह
राज्यसभा में आम आदमी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर सरकार का समर्थन किया. बिल के पक्ष में वोटिंग की. सरकार का साथ देना पार्टी सांसद संजय सिंह के लिए मुश्किल वक्त ले आया क्योंकि सदन में ही सपा के रामगोपाल ने उन पर तंज कर दिया. यादव ने कहा कि दिल्ली में रोज इनके नेता गवर्नर के सामने रोते रहते हैं. आज ये एक और गवर्नर वाले राज्य के गठन का पक्ष ले रहे हैं. दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल की बीच की लड़ाई कोई नई नहीं है. AAP नेताओं को इसे लेकर धरने तक पर बैठना पड़ा था. इसके बाद संजय सिंह ने भी संसद से बाहर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ धारा 370 हटाने का समर्थन किया था.
नीरज शेखर
सपा से राज्यसभा सांसद रहे नीरज शेखर बीच सत्र में पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. सरकार के खिलाफ उच्च सदन में नीरज शेखर सबसे मुखर आवाजों में से एक थे. विभिन्न मुद्दों पर उन्हें पुरजोर तरीके से विरोध दर्ज कराते देखा गया. शेखर के अलावा गांधी परिवार के करीबी और अमेठी राजघराने के संजय सिंह भी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. पहले ही सत्र में राज्यसभा में सपा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और संजय सेठ ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया है.
 

More videos

See All