अनुच्छेद 370 के बाद झारखंड में सीएनटी-एसपीटी पर छिड़ी बहस!

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद झारखंड में भी एक बहस छिड़ने की तैयारी में है. बहस की शुरुआत विपक्षी दलों के नेताओं ने कर दी है. दैनिक भास्कर को दिये गये अपने बयान में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने साफ कहा है कि “कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद भाजपा की नीयत साफ हो गयी है. कई राज्यों में वहां के नागरिकों के हित में विशेष प्रावधान किये गये हैं. किसी राज्य के मूलवासी की भावना जाने बिना कोई भी निर्णय लेना सरकार के अहंकार को दर्शाता है. अब कोई शक नहीं रह गया है कि झारखंड में भी आदिवासियों-मूलवासियों के हित में बने कानूनों पर प्रहार किया जायेगा. यहां के विशेष अधिकार को भाजपा सरकार खत्म करने की कोशिश करेगी. सीएनटी-एसपीटी एक्ट को भी खत्म करने की कोशिश की गयी थी, लेकिन झामुमो के विरोध के कारण मंशा सफल नहीं हो सकी.”
हेमंत सोरेन ने जिस तरीके से केंद्र के फैसले का विरोध किया और झारखंड के परिपेक्ष्य में सीएनटी-एसपीटी की चर्चा की है, उससे आनेवाले दिनों में राजनीतिक घमासान होना अब तय माना जाने लगा है. न्यूज विंग ने अपने पाठकों के लिए इस मामले को लेकर राज्य की हर पार्टी की राय जानना चाही. पढ़िये इस मुद्दे पर क्या कहती हैं राजनीतिक पार्टियां…
 

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