महाकाल मंदिर में ड्रेस कोड पर उठा विवाद तो उमा भारती ने याद दिलायी पुजारियों की परंपरा

उज्जैन में महाकाल मंदिर में अपनी ड्रेस कोड पर विवाद उठने पर बीजेपी नेता उमा भारती ने सफाई देते हुए मंदिर के पुजारियों और परंपरा को याद किया. उमा ने एक के बाद एक 7 ट्वीट किए और सिलसिलेवार अपनी बात कही. उन्होंने कहा पुजारियों ने यहां की परंपरा को बनाए रखा है. वो महाकाल की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने के लिए भी तैयार रहते हैं.

पुजारी युद्ध कला में माहिर
उमा ने महाकाल मंदिर की प्राचीन परंपरा को याद किया. उन्होंने लिखा-उज्जैन में महाकाल स्वयं अपनी शक्ति से और यहां  की परंपराओं में के पुजारियों की निष्ठा के कारण बने हुए हैं.यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं. वो महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं.ऐसी महान परंपराओं के रक्षकों की हर आज्ञा सम्मान योग्य है. उस पर कोई विवाद नहीं हो सकता.

बीजेपी नेता उमा भारती ने लिखा-आज मैंने सवेरे 9:00 से 10:00 के बीच में उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए और उन्हें जल चढ़ाया. साथ ही विश्व के कल्याण की कामना की. उमा ने अगले ट्वीट में लिखा-मैं दर्शन करके मंदिर से बाहर निकली तब मीडिया जगत से जुड़े कई लोग उपस्थित थे, उन्होंने बहुत सारे प्रश्न किए, किंतु एक महत्वपूर्ण प्रश्न ड्रेस कोड के बारे में था.मैंने उन्हें बताया कि मुझे पुजारियों की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है. मैं जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आऊंगी तब वह यदि कहेंगे तो मैं साड़ी भी पहन लूंगी.

मुझे साड़ी पसंद है
उमा भारती ने आगे लिखा-मुझे तो साड़ी पहनना बहुत पसंद है. मुझे और खुशी होगी अगर पुजारी ही मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें. मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी.

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