मायावती और अखिलेश के बाद अब CM योगी भी LDA से खफा, जानिए क्‍या है माजरा

लगातार तीसरे मुख्यमंत्री ने एलडीए के आवासीय निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। साल 2011 में मायावती ने, 2013 में अखिलेश यादव ने और अब 2019 में योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्यो की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं। मगर अब तक गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है।
मीक्षा बैठक में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एलडीए और आवास विकास के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता से खफा नजर आए थे। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो की जांच के आदेश दिए हैं।
मायावती के आदेश पर ढहाए गए थे आश्रयहीन भवन 
गरीबों के लिए आश्रयहीन भवनों का निर्माण देवपुर में पारा में किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने साल 2011 में निरीक्षण किया तो 1700 भवनों की जर्जर हालत देखकर इनको ढहाने का आदेश दिया था। इस मामले में अनेक अभियंताओं पर कार्रवाई की सूची बनी थी। लेकिन, ये सूची दस्तावेजों में दफन हो गई।
सरस्वती अपार्टमेंट का हाल देख दंग रह गए थे अखिलेश 
साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरस्वती अपार्टमेंट गोमती नगर विस्तार का निरीक्षण किया था। बेसमेंट में भरे पानी से लेकर फ्लैटों के अंदर तक का हाल बुरा था। इसके बाद प्राधिकरण के अभियंताओं सहित सात अफसरों को निलंबित किया गया था।
एलडीए आवासों में गड़बड़ी
  • विकल्पखंड के पंचशील के करीब 200 फ्लैटों में रजिस्ट्री के बावजूद 25 फीसद फिनीशिंग काम पूरा नहीं है
  • सुलभ आवास गोमती नगर विस्तार और जानकीपुरम में एक ओर पानी की किल्लत है तो दूसरी ओर पंप ऑपरेटरों की निष्क्रियता से बर्बादी भी खूब की जाती है
  • सुलभ आवासों में अभी से जगह-जगह टूट-फूट शुरू हो गई है
  • कल्पतरु अपार्टमेंट विस्तार में पानी की बोरिंग हर साल फेल होती है
  • ग्रीनवुड अपार्टमेंट विस्तार में सीवरेज ओवरफ्लो से गाहे-बगाहे बेसमेंट में पानी भरता है

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