सीएजी रिपोर्ट में खुली अखिलेश राज के दावों की पोल, बजट के खर्च में सामने आई सरकार की नाकामी

उत्तर प्रदेश की पिछली अखिलेश सरकार अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ एक वर्ष ही अपना पूरा बजट खर्च कर पाई। बाकी चार वर्ष 10 हजार करोड़ से 45 हजार करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हो सके। यह सरकार के बजट अनुमान और खर्च की प्रणाली पर भी बड़ा सवाल है। इसका खुलासा सीएजी की रिपोर्ट में हुआ है।सपा सरकार लगातार विकास कार्यों के लिए सीमित संसाधन और खजाने की तंगहाली का हवाला देती रही। केंद्र की सरकारों पर प्रदेश के साथ भेदभाव का आरोप लगाती रही। मगर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट सपा शासनकाल के लिए आइना है।

सपा सरकार 2012 में सत्ता में आई और 2017 उसका आखिरी वर्ष रहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश के वित्त मंत्री भी थे। सरकार के सभी बजट उन्होंने पेश किए। सीएजी ने खुलासा किया है कि वित्त वर्ष 2012-13 से 2016-17 के बीच पांच वर्षों में केवल वित्त वर्ष 2015-16 में ही सरकार बजट अनुमान से करीब 4500 करोड़ रुपये अधिक खर्च कर सकी।
इन वर्षों में बिना खर्च पड़ा रहा इतना धन
वित्त वर्ष 2012-13 में 13,884 करोड़ रुपये बिना खर्च पड़े रह गए। 2013-14 में 10,130 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए जा सके।  2014-15 में 29,124 करोड़ व 2016-17 में 45,331 करोड़ रुपये रुपये बिना खर्च पड़े रह गए।

सपा शासन में बजट अनुमान व वास्तविक खर्च
वित्तीय वर्ष    बजट अनुमान    वास्तविक खर्च
2012-13    1,79,445    1,65,561            
2013-14    2,02,613    1,92,483
2014-15    2,55,321    2,26,197
2015-16    2,81,703    2,86,277
2016-17    3,58,453    3,13,122
(नोर्ट : आंकड़े करोड़ रुपये में)

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