दोबारा एक्सग्रेशिया पॉलिसी होगी लागू, 52 वर्ष तक कर्मचारी की मौत पर आश्रित को मिलेगी नौकरी

जैसे-जैसे हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, मनोहर सरकार हर वर्ग को खुश करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। इसी कड़ी में शनिवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कर्मचारियों को सौगात दे दी। प्रदेश में एक बार फिर से एक्सग्रेशिया पॉलिसी लागू होगी। यानी कर्मचारियों की मृत्यु पर उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी मिलेगी। शनिवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई विभिन्न कर्मचारी संगठनों की बैठकों के बाद ये फैसले लिया गया। 
यह पॉलिसी इस शर्त के साथ लागू होगी कि अगर किसी कर्मचारी को नौकरी करते हुए पांच वर्ष पूरे नहीं हुए हैं और उसका निधन हो जाता है तो उसे आश्रितों को रोजगार नहीं मिलेगा। यानी कम से कम पांच वर्षों की सर्विस पूरी होने की शर्त इसमें रहेगी। इसी तरह से मृतक कर्मचारी की उम्र अगर 52 वर्ष से अधिक है तो भी उसके आश्रितों को एक्सग्रेशिया का लाभ नहीं मिलेगा।
सीएम इस बात पर राजी हो गई कि पूर्व के मृतक कर्मियों के उन परिवारों को योजना में शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कर्मचारी की मृत्यु के बाद वेतन के तौर पर आर्थिक लाभ नहीं लिया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों अनुसार सभी कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता (एचआरए) मिलेगा। बढ़ा हुआ एचआरए पहली अगस्त से लागू किया जाएगा। इससे सरकार पर कई करोड़ रुपये का मासिक बोझ पड़ेगा।
कैशलेस मेडकिल सुविधा लागू करने के लिए सरकार सभी कर्मचारियों के कार्ड भी बनाएगी। अभी तक सरकार ने पांच-छह बीमारियों में ही कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू की हुई थी। कर्मचारी संगठनों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा था। शनिवार को सीएम इस बात के लिए राजी हो गए कि सभी इनडोर बीमारियों में कैशलेस मेडिकल सुविधा का लाभ कर्मचारियों को दिया जाएगा। अभी तक कैंसर, हार्ट, ब्रेन, सड़क दुर्घटना जैसी बड़ी बीमारियां ही कैशलेस के दायरे में थीं।

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