बिहार में अपराध की चर्चा होना नई बात नहीं लेकिन अब अपराध के आंकड़ों पर हंगामा बरपा है. पुलिस के ताज़ा आंकड़ों ने बिहार सरकार को पसोपेश में डालकर रख दिया है. सरकारी आंकड़े चुगली कर रहे हैं कि बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर नीतीश कुमार ने जब से सरकार बनाई है तब से आपराधिक घटनाओं में 21% और बलात्कार की वारदातों में 23% की बढ़ोतरी हुई है. स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा तब ठीक से होता है जब मालूम पड़ता है कि ये आंकड़े इस साल जून महीने तक के हैं.
1316 करोड़ की माया: ऐसे नजरों में आए मायावती के भाईअब लोग जेडीयू- आरजेडी सरकार और जेडीयू- बीजेपी सरकार के शासनकाल की तुलना करने लगे हैं. ये सरकार जुलाई के अंत में बनी थी. इस तरह अगस्त 2017 से जून 2018 तक के 11 महीनों के नंबर बताते हैं कि 2.31 लाख आपराधिक घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें 1,278 मामले रेप और 2,722 हत्या के थे. इनकी तुलना नीतीश-तेजस्वी के कार्यकाल में गुज़रे आखिरी 11 महीनों से कर लें. तब 1.91 लाख आपराधिक घटनाएं दर्ज हुई थीं. अगस्त 2016 से जून 2017 के बीच 1,044 रेप और 2,468 हत्याओं के केस आए थे.
संक्षेप में कहा जाए तो मौजूदा सरकार के कार्यकाल में रेप की घटनाएं 23% तक बढ़ी , जबकि हत्या के आंकड़ों में 11% का उछाल है. कुल अपराध 21% की वृद्धि दर दर्ज करा रहा है. आपको बता दें कि विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने खुद माना है कि हत्या के मामले में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं डकैती के मामलों में भी वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि हत्या में बढ़ोतरी की बात को हम स्वीकार करते हैं. कुछ मामलों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अधिकांश हत्या के मामले जमीन से जुड़े हुए हैं इसलिए हमने जमीन विवाद के निबटारे को लेकर काम शुरू कर चुके हैं.