कुलभूषण केस में हार से PAK का इंकार लेकिन भारत से बातचीत के लिए फिर गिड़गिड़ाया

जासूसी के कथित आरोप में पाकिस्‍तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार को हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) अपना फैसला सुना दिया है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना समझौते का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने पाकिस्तान को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया है. लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तानी सरकार के मंत्रियों का रोना-गाना चालू है. भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के बाद से पाकिस्तान की पहली अधिकारिक प्रतिक्रिया पाकिस्तानी सरकार के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन की ओर से आई है. अपने ट्वीट में उन्होंने भारत की जीत को नकारा है और पाकिस्तानी वकीलों की अच्छे से मुकदमा लड़ने के लिए तारीफ की है. लेकिन वहीं उन्होंने बेसिरपैर की बातें करते हुए भारत को पाकिस्तान में आतंक फैलाने वाला भी कह दिया है. शाम को किए गए अपने ट्वीट में पाकिस्तानी सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने ये बातें लिखी हैं- बातचीत के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान "भारत को यह मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान के प्रति उसकी नीतियां गलत हैं और उन्हें पाकिस्तान के प्रति अपनी नीतियों की फिर से सकारात्मक तरीके से समीक्षा करनी चाहिए. पाकिस्तान को कमजोर करने की नीति इलाके को नुकसान पहुंचा रही है. भारत को कश्मीर पर अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत की फिर से शुरुआत करनी चाहिए." पाकिस्तानी सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने उल्टा चोर कोतवाल की कहावत सिद्ध करते हुए उल्टे भारत पर ही आतंक फैलाने का आरोप लगाया और कहा, "पाकिस्तान में आतंक फैलाने से चीजें सुधरने वाली नहीं हैं." इसके बाद एक ट्वीट में इमरान खान के मंत्री ने कुलभूषण जाधव मामले के बारे में कहा, "वहीं हेग से आने वाली ख़बरों के मुताबिक न केवल भारत के बरी करने, छोड़ने, भारत वापस भेजने की दलीलों को खारिज कर दिया गया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण के मामले में मिलिट्री कोर्ट (पाकिस्तानी) के फैसले को भी बनाए रखा है. यह वास्तव में एक बड़ा फैसला है. पाकिस्तान की कानूनी टीम को मजबूती से मुकदमा लड़ने के लिए बधाई."

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