विपक्ष के 'चेहरों' को अपना बना रही भाजपा, बड़े नेताओं की पीढ़ियों को जोड़ने के साथ महापुरुषों को सम्मान

विपक्ष के बड़े चेहरों को अपना बनाने में भाजपा फिर सक्रिय हो गई है। दिवंगत हो चुके बड़े नेताओं के पुत्र-पुत्रियों को साथ जोड़ने के साथ ही उनकी याद में कार्यक्रमों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती-पुण्यतिथि मनाने के साथ ही भाजपा ने अब उनके पुत्र नीरज शेखर को भी पार्टी में शामिल कर लिया है।
नीरज शेखर ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। राज्यसभा और समाजवादी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने से पहले नीरज शेखर ने भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह तो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती और पुण्यतिथि मनाने के साथ ही उनके विचारों के प्रसार में पहले से ही जुटे हैं।
पिछले पांच वर्षों में भाजपा ने विपक्ष के महापुरुषों पर अपना हक जमा लिया। इसकी वजह यह रही कि विपक्षी दलों ने अपने आइकान को उतनी तरजीह नहीं दी जितनी भाजपा ने दी। लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की गुजरात में प्रतिमा स्थापित करने के लिए देशभर से लोहा जुटाने के क्रम में उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ने खूब भाग-दौड़ की। पटेल की जयंती व पुण्यतिथि पर कार्यक्रम भी आयोजित हुए।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति अपना भावनात्मक लगाव जाहिर किया और उनसे जुड़े स्थलों का तीर्थ के रूप में विकास किया। कभी बसपा ने आंबेडकर के नाम के सहारे अपनी जमीन तैयार की तो दूसरे दलों के लोग किनारे हो गए थे। तब बसपा उन पर अपना हक जमाने लगी थी, लेकिन भाजपा ने इस मिथक को तोड़ा और कांशीराम की भी तस्वीरें अपने मंचों पर लगाई।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर समेत कई बड़े नेताओं की स्मृति में एक बड़ा आयोजन किया और उनके नाम पर सड़क बनाने की भी घोषणा की। उप्र-उत्तराखंड से जुड़े हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री रीता बहुगुणा पहले मंत्री और अब सांसद हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके एनडी तिवारी भी आखिरी दिनों में भाजपा के मंच पर भी गए। जीवनभर कांग्रेसी रहे पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की याद में भी भाजपा आयोजन करती है और उनके पुत्र फतेहबहादुर सिंह भाजपा के विधायक हैं। 

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