विदेश से लौटते एक्टिव हुए अखिलेश, उपचुनाव के लिए प्लान के साथ मांगा बायोडाटा
विदेश से लौटने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उपचुनाव के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जमीनी और जिताऊ प्रत्याशी की तलाश शुरू कर दी है. अखिलेश ने लगातार बैठकों के बाद अब 20 जुलाई तक चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे हैं.
सपा अध्यक्ष ने इस बार उपचुनाव लड़ने वाले नेताओं से सिर्फ बायोडाटा ही नहीं मांगा है बल्कि राजनीतिक तौर पर उन्होंने क्या-क्या काम किए हैं, इसका भी विवरण मांगा है. अखिलेश उपचुनाव के जरिए दमदार तरीके से वापसी करना चाहते हैं. ऐसे में वह तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने प्रत्याशियों से उनके प्लान मांगे हैं कि वह किस प्रकार चुनाव लड़ेंगे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है. उसमें एक-एक सीट एसपी-बीएसपी और 10 सीटें बीजेपी के पास थी. लोकसभा चुनाव में 11 विधायकों के सांसद बन जाने और हमीरपुर सीट के बीजेपी विधायक को उम्रकैद की सजा हो जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया था. इस तरह से 12 सीटें रिक्त हुई हैं.
कानपुर के गोविंद नगर से सत्यदेव पचौरी, लखनऊ कैंट से रीता बहुगुणा जोशी, बांदा के मानिकपुर से आरके पटेल, बाराबंकी के जैदपुर से उपेंद्र रावत, बहराइच के बलहा से अक्षयवर लाल गोंड, प्रतापगढ़ से संगमलाल गुप्ता और अंबेडकर नगर के जलालपुर से रितेश पांडेय सासंद चुने गए हैं. रामपुर से सपा के आजम खान, गंगोह से बीजेपी के प्रदीप चौधरी, इगलास से बीजेपी के राजबीर सिंह दलेर, टुंडला से बीजेपी के एसपी सिंह बघेल सांसद बन गए. इसके अलावा हमीरपुर सीट से विधायक अशोक कुमार को हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई है. इसके चलते मीरपुर और हमीरपुर सीट पर भी उपचुनाव होने हैं.
उत्तर प्रदेश में खाली हुई 12 विधानसभा सीटों पर अक्टूबर-नवंबर में उपचुनाव होने हैं, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कस ली है. बीजेपी ने हर एक सीट पर एक मंत्री को प्रभार देकर जिम्मेदारी सौंपी है तो बीएसपी ने हर एक विधानसभा सीट पर भाईचारा कमेटी बनाने की रणनीति अपनाई है. सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव विदेश से लौटते ही उपचुनाव के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं.