AES पर लोकसभा में अश्विनी चौबे ने कहा, ज्यादातर परीक्षण में संक्रमण फैलानेवाले नमूने नकारात्मक

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में आज एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि सीमित संख्या में सीरम और लीची के नमूनों का मिथाइलीनसाइक्लोप्रोपाइग्लिसिन (MCPG) टॉक्सिन परीक्षण किया गया. इनमें कम-से-कम आधे एमसीपीजी पॉजिटिव पाये गये. मालूम हो कि लोकसभा में सवाल किया गया था कि क्या सरकार द्वारा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम / जापानी इंसेफेलाइटिस के विभिन्न पहलुओं पर कोई अध्ययन किया गया है, जिसमें उनके प्रकट होने के कारण भी शामिल हैं?
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, ''भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और गैर-आईसीएमआर संस्थानों में संक्रमण फैलानेवाला लगभग 90 नमूनों का परीक्षण किया गया था. कुछ नमूने डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी एन्सेफलाइटिस के लिए सकारात्मक पाये गये. उन्होंने कहा कि ज्यादातर परीक्षण नकारात्मक, मुख्य रूप से गैर-संक्रामक इंगित करते हैं.''
बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 38 जिलों में से 20 जिलों में इस बार एईएस से 700 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका का जवाब देते हुए कहा था कि वह श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में एक साल में 100 बिस्तरवाला बाल चिकित्सा आईसीयू स्थापित करेगी. इससे पहले, नीतीश कुमार के नेतृत्ववाली सरकार ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा पेश किया था, जिसमें राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब स्थिति का खुलासा किया गया था.

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