राज्यसभा : कांग्रेस ने की बजट 2019 की आलोचना, वित्त मंत्री ने कहा- निवेश को मिलेगी गति

कांग्रेस ने 2019-20 के केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कोई ठोस कार्यक्रम या योजना नहीं है.  उच्च सदन में बजट पर चल रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की वानसुक सियाम ने कहा कि बजट से बहुत अपेक्षाएं थीं लेकिन इसमें न तो अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कोई समुचित तथा ठोस कदम उठाए गए हैं और न ही पूर्वोत्तर के विकास पर ध्यान दिया गया है.  उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर दो रुपये का अधिभार लगाना एवं उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी ऐसे समय बड़ा झटका है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम स्थिर हैं. 
वानसुक ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2019 के शुरुआती तीन माह में 5.8 फीसदी रही हैजो पिछले पांच साल में सबसे कम है.  पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाली वानसुक ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए बजट में जो आवंटन किया गया है वह रेल, सड़क से लेकर विभिन्न अवसंरचनाओं के सृजन के लिए, युवाओं को रोजगार मुहैया कराने तथा अन्य विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त नहीं है. इसी पार्टी के रोनाल्ड सापा लाउ ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) के लिए बजट में किया गया आवंटन केवल 1,047 करोड़ रूपये है. यह आवंटन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सबसे कम है.  विकास की दृष्टि से पूर्वोत्तर क्षेत्र को पिछड़ा हुआ बताते हुए लाउ ने कहा कि इस क्षेत्र को विकास की धारा से जोड़ना जरूरी है. 
No question of privatisation of railways, some units will be corporatised: Piyush Goyal
केंद्रीय मंत्री एवं आरपीआई(ए) नेता रामदास अठावले ने कहा कि जनजातीय विभाग के लिए आवंटन 43.6 फीसदी बढ़ा कर 81,347 करोड़ रुपये किया गया है जो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार गरीबी दूर करने के लिए पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है. सरकार अपने अच्छे कार्यों के आधार पर 2024 में पुन: बहुमत हासिल करेगी. मनोनीत सोनल मानसिंह ने कहा कि सरकार को कलाकारों के लिए ‘‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना'' की तरह कोई रोजगार गारंटी देने के बारे में विचार करना चाहिए ताकि उन्हें पूरे साल काम की दिक्कत न हो सके. उन्होंने संस्कृति मंत्रालय के आवंटन में सात फीसदी की वृद्धि किए जाने की सराहना भी की.    
बीजेपी के विजय गोयल ने बजट को विकासोन्मुखी एवं रोजगारोन्मुखी बताते हुए कहा कि इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. बीजेपी ते कैलाश सोनी ने मध्यप्रदेश के सागर से नरसिंहपुर एवं छिंदवाड़ा होते हुए महाराष्ट्र के नागपुर तक सीधी ट्रेन चलाए जाने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि हर ट्रेन में सामान्य डिब्बे होने चाहिए.एनपीएफ सदस्य के जी केन्ये ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में रोजगार पर खास ध्यान देना चाहिए ताकि वहां अलगाववाद की भावना सिर न उठाने पाए. अन्नाद्रमुक सदस्य एन गोकुलकृष्णन ने कहा कि देश के विकास में राज्यों की भी भागीदारी होती है और उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
इसके बाद चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कि बजट में राजकोषीय मजबूती के लक्ष्यों से समझौता किये बिना निवेश बढ़ाने की पूरी योजना के साथ विकास की बड़ी तस्वीर पेश की गयी है. वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘अगले 10 साल के लिये व्यापक कदमों का उल्लेख किया गया है.'' उन्होंने कहा कि सरकार का मध्यम अवधि का लक्ष्य देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाना है. वित्त मंत्री ने कहा कि 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य बिना योजना के नहीं है. 
उन्होंने बजट में प्रस्तावित उपायों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि निवेश को गति देने के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को और उदार बनाया गया, 400 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिये कारपोरेट कर की दर कम की गयी, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठाये गये हैं. 
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है. बजट में निवेश को बढ़ाने के लिये मजबूत प्रतिबद्धता दिखायी देती है. लोकसभा में पांच जुलाई को पेश बजट में उन्होंने कहा कि सरकार का 2019-20 में शुद्ध कर राजस्व के रूप में 16.49 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. यह पूर्व वित्त वर्ष के मुकाबले 11.13 प्रतिशत अधिक है. वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में राजस्व और व्यय को प्रत्येक अनुमान उपयुक्त है और उसके लिये पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं. 

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