विधायक परमिंदर ढुल और जाकिर हुसैन भाजपा में हुए शामिल

जींद उपचुनाव से शुरू हुई पाला बदलने की प्रक्रिया में अब इनेलो को दो और बड़े झटके लगे हैं। इनेलो के नूंह से विधायक जाकिर हुसैन और जींद के जुलाना से विधायक परमिंदर सिंह ढुल मंगलवार दोपहर भाजपा में शामिल हो गए। दोनों को चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।  
भाजपा को हुसैन की एंट्री से मुस्लिम बाहुल्य मेवात में फायदा मिलने की संभावना है। ढुल और हुसैन को मिलाकर भाजपा में अभी तक इनेलो के पांच विधायक शामिल हो चुके हैं। इससे पहले बरवाला से विधायक रणबीर गंगवा, हथीन से विधायक शेरसिंह रावत और फतेहाबाद से विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया भाजपा में शामिल हो चुके हैं। 
इनेलो लगातार कमजोर हो रही है। सितंबर में पार्टी के तत्कालीन सांसद दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने अपनी नई जननायक जनता पार्टी बनाई। इसके बाद हुए नगर निगम मेयर चुनाव हो या फिर जींद उपचुनाव और लोकसभा चुनाव, सभी में इनेलो कमजोर साबित हुई और लोकसभा में उसका एक भी प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा पाया। ऐसे में उसके विधायकों का मोहभंग होना शुरू हो गया।  

2014 में हुए विधानसभा चुनाव में इनेलो 19 सीटें जीतकर हरियाणा विधानसभा में पहुंची थी। अभय चौटाला नेता प्रतिपक्ष बने थे। 2019 आते-आते इनेलो के जींद से विधायक हरिचंद मिड्ढा और पिहोवा जसविंद्र संधू की मौत हो गई। इसके बाद चौटाला परिवार में विवाद शुरू हो गया और दुष्यंत, दिग्विजय, अजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। निष्कासन के बाद नई पार्टी जजपा का गठन हुआ तो विधायक नैना चौटाला, विधायक पिरथी नंबरदार, अनूप धानक, राजबीर फौगाट व नैना चौटाला ने इनेलो से किनारा करते हुए जजपा में अपनी निष्ठा दिखाई। इसके बाद अभय चौटाला ने स्पीकर को इनकी सदस्यता रद्द करने के लिए कहा और उसके नेता प्रतिपक्ष से इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कहा। इनेलो के 15 विधायकों में से 2 की मौत हो गई थी। पांच विधायक भाजपा में चले गए हैं जबकि 4 जजपा में चले गए हैं। अब महज 8 विधायक बचे हैं। 

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