ये जानते तो कभी नहीं चुनते मोदी सरकार!

आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन और मजबूत अर्थव्यवस्था - किसी सरकार से लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद होती है। लेकिन 2019 के लोस चुनावों पर इन मुद्दों का कोई खास असर नहीं पड़ा। लोगों ने भयंकर मतों से जिस सरकार को चुना, उसका रिपोर्ट कार्ड शपथ लेते ही सामने आ गया। जनता की अदालत में पास हुई सरकार आँकड़ों और तथ्यों की अदालत में फेल हो गई।
इन सबके बावजूद मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को एक बार फिर जनादेश मिला। स्पष्ट है कि रोज़गार, अर्थव्यवस्था की मजबूती और आर्थिक विकास से ज्यादा लोगों को राष्ट्रवाद, हिंदु-मुस्लिम बहस, मीडिया मैजिक सुहा रहा है। चुनावों में जनता के आदेश का जनता पर क्या असर पड़ता है, आने वाले पाँच सालों में यह देखने वाला विषय होगा।