परिणाम देखने के बाद भी राजनीतिक पंडितों की आंखें नहीं खुली:माेदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने कहा है कि तीन-तीन चुनावों के परिणाम देखने के बाद भी राजनीतिक पंडितों की आंखें नहीं खुल रही। देश 21वीं सदी में पहुंच गया लेकिन राजनीतिक पंडित 20वीं सदी के रह गए। मैं काशी के संगठन से जुड़े लोगों का, हर कार्यकर्ता का और हर समर्थक का इस बात के लिए आभार करता हूं कि उन्होंने इस चुनाव को जय-पराजय के तराजू से नहीं तोला। उन्होंने चुनाव को लोक संपर्क, लोक संग्रह, लोक समर्पण का पर्व माना।यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के दीनदयाल हस्तकला संकुल में कही। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां के कार्यकर्ताओं ने मुझे कहा था कि आप निश्चिंत रहिए और जीत के बाद ही आइए, इसलिए मैं 19 को मतदान के दिन यहां नहीं आया। मुझे लगा कार्यकर्ताओं ने आदेश दिया है शायद एंट्री नहीं मिले इसलिए इस बाबा की जगह मैैं केदारनाथ बाबा के पास चला गया।
प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि शायद ही कोई उम्मीदवार चुनाव के समय इतना निश्चिंत होता होगा, जितना मैं था। इस निश्चिंतता का कारण आपका परिश्रम और काशीवासियों का विश्वास था। नतीजे और मतदान दोनों समय मैं निश्चिंत था और बड़े मौज के साथ केदारनाथ में बाबा के चरणों में बैठ गया था। इस चुनाव में अलग-अलग दलों के साथी और निर्दलीय साथी जो मैदान में थे, उनका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पूरी गरिमा के साथ काशी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाया। मैं सभी अन्य उम्मीदवारों का मन से अभिनंदन करता हूं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं भी भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी और कार्यकर्ता जो आदेश करते हैं उसका पालन करने का मैं भरसक प्रयास करता हूं। एक महीने पहले जब मैं यहां था, जिस आन-बान-शान के साथ काशी ने एक विश्व रूप दिखाया था, वो सिर्फ काशी या यूपी को प्रभावित करने वाला नहीं था, उसने पूरे देश को प्रभावित किया था।

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