अलवर सामूहिक दुष्कर्म: अब जागी सरकार, महिला सुरक्षा पर लिया ये बड़ा फैसला

राजस्थान में पिछले कुछ दिनों में बने हालातों ने राज्य का माहौल बिगाड़ रखा है। महिला सुरक्षा को लेकर सरकार पर तमाम सवाल खड़े हो रहे है। राज्य में पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक तीन दुष्कर्म के मामले सामने आ चुके है। विपक्ष और तमाम दलों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाल रखा है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीयबैठक की। इस बैठक में महिला सुरक्षा के पक्ष में एक अहम फैसला लिया गया। राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों की जांच के लिए राजस्थान के प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी(nodal officer) को नियुक्त किया जाएगा। जारी की गई एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह फैसला शुक्रवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने जिलों के एसपी को यह सुनिश्चित करना को कहा कि अगर लोकल एसएचओ किसी मामले को दर्ज करने से इनकार करता हैं, तो जिला स्तर पर उसकी एफआईआर दर्ज कराई जाए। एक अधिकारी ने बताया कि जिलों में महिला धानों में पंजीकृत मामलों की निगरानी करेंगे। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में पीड़ितों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के विभागों को साथ लेकर चलेंगे। बैठक में मुख्य सचिव डी बी गुप्ता, डीजीपी कपिल गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहां कि महिलओं के विरुद्ध आपराधिक मामलों में जल्द सुनवाई और उनपर निगरानी रखने के लिए सर्किल अफसर(CO) की रैंक वाला अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सामने आए दुष्कर्म के मामलों ने पूरे राज्य का माहौल बिगाड़ दिया। अलवर जिले में हुआ सामूहिक दुष्कर्म के अलावा, दो और दुष्कर्म के मामले सामने आए, जिन्होंने महिला सुरक्षा के साथ-साथ राज्य की प्राथमिकताओं पर भी सवाल उठे। हालांकि अब राज्य की सरकार ने महिलाओं के खिलाफ इन घटनाओं को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए तो है, लेकिन अब भी सवाल वो ही कि क्या आगे ऐसे सब मामले रुकेंगे?, महिलाएं सेफ हो जाएंगी?

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