चुनाव आयोग ने नहीं सुनी तो महबूबा पर कार्रवाई को लेकर चीफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ चुनाव आयोग में की गई शिकायत पर कोई सुनवाई न होने पर सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया ने जम्मू कश्मीर की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि उनके पत्र को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार किया जाए। खजूरिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रधान महबूबा मुफ्ती के खिलाफ उनकी शिकायत पर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद उन्होंने यह पत्र लिखा है।
खजुरिया ने चुनाव आयोग के समक्ष महबूबा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था। उन पर जम्मू कश्मीर प्रतिनिधित्व कानून 1951, आईटी एक्ट 2002 के तहत भी कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत में कहा गया है कि महबूबा ने आठ अप्रैल को ट्वीट कर कहा था कि न्यायालय में समय बर्बाद क्यों कर रहे हो, भाजपा का इंतजार कर रहे हो कि धारा 370 समाप्त करेंगे, ये हमें चुनाव लडऩे से रोक देंगे, जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान लागू नहीं रहेगा, न समझोगे तो मिट जाओगे, ऐ हिन्दोस्तान वालो, तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्तानों में।

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