‘बात सुने बिना मेरा चरित्र हनन किया’, CJI पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने लिखा लेटर

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई पर कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित इन हाउस पैनल को पत्र लिखा है कि, ‘मेरे चरित्र का हनन, मुझे सुने जाने का मौका देने से पहले ही कर दिया गया’. महिला ने अन्य कई चिंताएं भी जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाले पैनल के समक्ष जताई.
आरोप लगाने वाली महिला ने विशाखा गाइड लाइन के दिशानिर्देशों और POSH अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति में बहुमत वाली महिला सदस्य और एक बाहरी सदस्य नहीं है जैसा कि कानून द्वारा अनिवार्य है.
आरोप लगाने वाली महिला ने यह भी कहा कि शनिवार को सू-मोटो कार्यवाही में आयोजित विशेष मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों और सरकार के शीर्ष कानून अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में समाचार पत्रो में पढ़कर वह भयभीत और असहाय महसूस कर रही है और उसकी शिकायत है कि उसकी सुनवाई किए बिना माननीय न्यायाधीशों और वरिष्ठ कानून अधिकारियों द्वारा उसको कैसे झूठा घोषित कर दिया गया है.

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