झारखण्ड में चुनाव है। सारी पार्टियाँ जनता की हर दिक़्क़तों को सुलझाने को दावा करती नज़र रही है। लेकिन चुनाव के हर दावों के नीचे झारखंड का दर्द छुपा है जो कोई देखता नहीं। एक्टिविस्ट रितिका खेड़ा की अगुआई वाली एक फैक्ट फाइडिंग टीम का दावा है कि पिछले पांच साल में झारखंड में भूख से करीब 22 लोगों की मौत हुई है, और जैसे कि सबको पता है ,राज्य सरकार इस दावे को ख़ारिज कर रही है। सही है साहब चुनाव जीतने की भूख के आगे गरीबों की भूख का क्या मोल।
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