आज विश्‍व विकलांगता दिवस के दिन सत्ता की मलाई खा रहे तमाम मंत्री और उनके संत्री विकलांग व्यक्तियों के प्रति अपनी संवेदना ज़ाहिर करने का नाटक करेंगे। हो सकता है एक -आध प्रोग्राम में मुख्य अथिति के रूप में चले जाएं। पर इन तमाम सत्ताधीशों को मंडी हाउस पर धरना दे रहे विकलांगों का दर्द नहीं दिख रहा जो रेलवे परीक्षा में चयनित होने के बावजूद भी एक साल से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सिर्फ उन्हें दिव्यांग भर कह देने से उनके दर्द पर मलहम लगाने की कोशिश ना करे मोदी साहब बल्कि नौकरी देकर आर्थिक रूप से उन्हें सक्षम बनाना भी आपकी ही ज़िम्मेदारी है।
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