मोदी सरकार अपने स्मार्ट सिटी के दावे को पूरी तरह से भूल गई है इसके अलावा अन्य विकासवादी नारे कहीं खो गए हैं। इसके बदले हर बार नया शिगूफा सरकार की तरफ से लोगों को दिया जाता है वो रात-दिन उसी में मस्त रहते है और चुनावी घोषणा पत्र के सारे वादे झूठे साबित हो जाते है।