उम्मीद है इस फैसले से हमारे देश में शान्ति और सौहार्द बना रहेगा. अब सरकार को माॅब लिंचिंग जैसे विषय को भी गंभीरता से लेते हुए कड़े कानून बनाने चाहिए. जब भगवान का फैसला अदालत कर सकती है तो फिर वो भीड़ कौन होती है किसी को सक के आधार पर मारने व स्वयं सजा देने वाली.'