आज अगर नारी सशक्तिकरण पर बहस करने बैठे तो लोग घंटों लंबे लंबे भाषण देने बैठ जाते हैं। सभी नेता अपनी दलीलें देने के लिए जाएंगे कि उन्होंने क्या-क्या किया है नारी को देश का ताज बनाने के लिए। लेकिन अंदर की सच्चाई इस तस्वीर में छुपी है। इस औरत ने क्या जुर्म किया है यह तो मुझे नहीं पता लेकिन इतना मैं इतना ज़रुर कह सकती हूँ कि सज़ा सिर्फ अदालतों में सुनाई जा सकती है।न्याय के रखवालों द्वारा किया गया इस तरह का बर्ताव शर्मनाक है।
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