संस्कार और आदर्श का पूरी दुनिया को पाठ पढ़ाता हमारा देश , जिसकी एक तस्वीर ये भी है। ऐसे देश के राष्ट्रपिता निश्चित रूप से महात्मा गाँधी नहीं हो सकते।यही विडंबना है हमारे देश की, जहाँ नौ दिन हम देवी माँ को पूजने का ढकोसला करते हैं और महिलाओं के साथ ऐसी नीच हरकत करने में पीछे भी नहीं हटते।अगर लोगों की माने तो लड़की का जुर्म सिर्फ इतना है कि वह दलित समाज की थी और किसी बड़े जाति के खेत में शौच करने गयी थी।ये है हमारा उभरता भारत।
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