ये कहाँ का न्याय हुआ साहब। न्यायपालिका को या तो कुछ समझ में नहीं रहा या फिर वो जानबूझ कर समझना चाहते ही नहीं। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। बीएमसी ने मुंबई के आरे जंगल में मेट्रो कार शेड के लिए 2700 से ज्यादा पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी। इसी फैसले के खिलाफ कई याचिका दायर की गयी लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने हिटलरी फरमान सुनते हुए सारी याचिकाओं को सिरे से ख़ारिज कर दिया।
ये जगह मुंबई की OXYGEN मानी जाती है,और तो और यहाँ कई बस्तियाँ बसी हुई हैं जिनसे लोगों की रोज़ी -रोटी चलती है। उनको वहाँ से हटाकर कहीं और ले जाना उन गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा है।
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