जाधवपुर यूनिवर्सिटी में यूनियन मिनिस्टर बाबुल सुप्रियो के साथ हुई धक्का मुक्की पर दिलीप घोष ने उनके इस व्यवहार का कारण जानने की जगह उन्हें "देशद्रोही" कह डाला। आखिर पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष को किसी संस्थान को देशद्रोही करार करने का हक किसने दिया ? क्या अगर समाज के कुछ लोग सरकार के साथ ना चलें तो उन्हें देशद्रोही करार करना ही उनके पास एक मात्र रास्ता बचा है?