अनेक सरकारी उपक्रमों की तरह इंडिया पोस्ट भी भारी घाटे में है. अब यह उपक्रम घाटे के मामले में बीएसएनएल और एअर इंडिया को पीछे छोड़कर शीर्ष पर जा पहुँचा है. बीएसएनएल की तरह इसकी उतनी चर्चा नहीं हुई, पर बीते तीन सालों में इसका घाटा 150% बढ़कर लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपए है. सरकारी दावों में डाकघरों को बैंक बनाने और नयी सेवाएँ (जैसे- गंगाजल वितरित करना) शुरू करने की बातें होती रही हैं, पर ऐसा नहीं लगता कि इसे बचाया जा सकता है या सरकार इसे लेकर गंभीर है. वैसे, सरकार किसी उपक्रम को लेकर गंभीर नहीं है.
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