Ankit
यह चरखी दादरी नगर में गीता भवन के पीछे की कालोनी है। घनी जनसंख्या वाली इस कालोनी के ठीक बीच में नन्दीशाला खुल चुकी है। रातदिन सांड, खागड़ इत्यादि लड़ते रहते हैं। उनकी चपेट में आकर केवल दो सप्ताहों में आधा दर्जन बच्चे घायल हो चुके हैं। यहां घरों के बीच गंदगी का स्टोर बना दिया गया है। गंदगी दूर तक फैली रहती है। यहां साथ लगते अस्पताल का ख़तरनाक बायो कचरा यहां डाला जाता है, जिसे उठाने की बजाय उसमे आग लगा दी जाती है। लगातार कई दिनों तक गम्भीर स्तर तक पर्यावरण प्रदूषण फैला रहता है। हर घर में कोई कोई सदस्य बीमार हो चुका है। वातावरण बेहद प्रदूषित बना रहता है। शिकायतें करने पर भी कोई कार्यवाही नियमित रूप से अमल में नहीं लाई जाती। इसका बड़ा कारण है, यहां सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले शरीफ़ लोग रहतें हैं। जो कभी झगड़ा करने के हिमायती नहीं रहे...!
दादरी शहर में यह हालत बनी हुई है जिसकी लाठी, उसकी भैंस.... इस पर आप का क्या ख़्याल है...??
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