संबित जी, गले लगने में कैली आपत्ति? मोहब्बत का प्रतीक है। कहीं ऐसा तो नहीं कि सीधे तौर पर स्वीकार कर चुके हो कि अपना काम प्रेम व्रेम नहीं है। नफ़रत फैलाते है, नफ़रत ही फैलाएँगे।
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