आज देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी चिंता का विषय बनी हुई है भारत दुनिया का सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला देश बन चुका है ,इस बढ़ती हुई युवा आबादी को यदि स्थाई रोजगार उपलब्ध नहीं करवाया गया तो जो हमारी सबसे बड़ी मजबूती हो सकती है वह सबसे बड़ी कमजोरी बन जाएगी। एक समय ऐसा आया था जब जापान में युवाओं की संख्या बहुत ज्यादा थी लेकिन आज जापान बढ़ती हुई वृद्धजनों की जनसंख्या से प्रभावित हो रहा है। रोजगार के साधनों के विकास के लिए हमें अपने देश के वातावरण के अनुकूल सोचना होगा जिस देश की 75 पर्सेंट से ज्यादा आबादी कृषि एवं कृषि कार्यों पर निर्भर है उस देश को कृषि नवाचार कृषि के विकास के माध्यम से रोजगार के नए साधन सृर्जन करने का प्रयास हमे करना होगा। आज एक और समाज में सरकारी नौकरी को ही रोजगार के रूप में तवज्जो दी जा रही है दूसरी ओर सोचे तो क्या सरकारी सर्विस इतनी संख्या में उपलब्ध है जितनी संख्या में बेरोजगार इस देशमें है
आज हमारे देश में उपजाऊ भूमि काफी मात्रा में है लेकिन कृषि जोतों का आकार घटता जा रहा है इसके  लिए परंपरागत  कृषि को छोड़कर कृषि नवाचार की ओर बढ़ना होगाI साथ ही साथ एक और किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नही मिल पाता दूसरी ओर उपभोक्ताओं को वही बस्तु काफी ऊंचे दाम पर मिल रही है इस समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास हमें करना होगा इसके लिए कृषि उत्पादों को सुरक्षित और उनके भंडारण की उचित पॉलिसियों को लागू करना होगा और उन के माध्यम से रोजगार पैदा करने की कोशिश करनी होगी।देश भर से समाचार मिलते हैं जब आलू की खेती होती है जब लहसुन की खेती होती है जब प्याज की खेती होती है जहां गन्ने की खेती होती है या अन्य फसलें चाहे वह दलहनी फसलें हो तिलहनी फसलें हो किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा उसका सबसे बड़ा कारण अगर देखें तो किसानों के पास भंडारण क्षमता का आभाव है इसके लिए सहकारिता को बढ़ावा देना भी उचित कदम हो सकता है इसके लिए सरकारों ने प्रयास भी किए हैं लेकिन वह प्रयास कागजों से निकलकर धरातल पर नहीं पहुंच पाए हैं केंद्र सरकार में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मृदा हेल्थ कार्ड नाम से जो योजना लागू की वो बहुत अच्छी पहल थी लेकिन किसानों की उदासीनता जागरूकता का आभाव नोकरशाही की अकर्मण्यता के कारण खास लाभ मिल नही पाया
इन सब को सोचकर कृषि एंव कृषि आधारित उद्योगों
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