उस माँ के दर्द मैं कैसे बयान करू जिसने कभी उसको दूध पिलाया था,
कुछ दिन पहले ही तो सिर पर सेहरा भी सजाया था।
आज उसी माँ के दिल के टुकड़ेे की तिरंगे में लिपटी लाश रही है,
दुनिया के लिए तो शहिद पर उस माँ की तो बुढ़ापे की सारी आस जा रही है।
...Read more
• 0 Upvote
• 0 Downvote
• 0 Repost
54