मई में मुझे आस्ट्रेलिया जाना था पर वीजा नहीं मिला अभी 21 जून को मुझे अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी देनाली को फ़तेह करने के लिए जाना था, आज वीजा के लिए मेरा साक्षात्कार था, पर उसमें भी निराशा हाथ लगी और मुझे अमेरिकी दूतावास ने वीजा देने से मना कर दिया ! 3 महीनें पहले ही लगभग पेमेंट एडवांस जमा की हुई है, लगता है वो पानी में बह जाएगी
वैसे तो मेरे जीवन का एक पल भी ऐसा नहीं रहा जो साधारण तरीके से बिता हो या मेरा कोई भी काम आसानी से हुआ हो बिना संघर्ष के कुछ हुआ ही नहीं आज फ़िर इस किसान की बेटी के जीवन में एक बड़ी बाधा ने डेरा डाल दिया !
जैसा कि आप सभी को पता है मैं एवरेस्ट को दोनों तरफ (नेपाल, चीन) से फ़तेह करने वाली हिंदुस्तान की प्रथम बेटी हूं अभी मैं सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फ़तेह करने के अपने अभियान पर हूं अभी हाल ही मार्च के महीने में इंडोनेशिया की सबसे ऊंची चोटी को फ़तेह करके लौटी हूं मैं अंग्रेजी समझ तो लेती हूं पर बोल नहीं पाती, शायद इसी वज़ह से ये देहात की, गांव की सरकारी स्कूल में पढ़ी बेटी Anita Kundu उस लड़की को अच्छे से नहीं समझा पाई, जो मेरा इंटरव्यू ले रही थी निराश अवश्य हुई हूं, लेकिन हारी नहीं हूं हारना तो मेरे खून में ही नहीं है सुबह से चिंतन कर रही हूं और सोच रही हूं.... कि चाहे जितनी परेशानी हो, चाहे जितना और संघर्ष करना पड़े पर ज़िद अपनी को छोड़ दु कैसे...!
दुवाएं दवाई से ज्यादा काम करती है...!!!
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