मंडी के गोहर उपमंडल के चैलचौक गांव निवासी सुरेश कुमार ने बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में आरटीआई के तहत पांच वर्षों का रिकार्ड मांगा. लेकिन सुरेश कुमार से मांग की गई कि रिकार्ड तभी मिलेगा, जब वह 30 लाख 34 हजार 738 रुपए की राशि विभाग को एडवांस में देंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि, जो रिकार्ड मांगा गया है, वह करीब डेढ़ लाख पन्नों का है. सुरेश का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में मात्र 4-5 बच्चे होते हैं, जबकि कागजों में 20 दर्शाए जाते हैं. गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को उचित पोषाहार नहीं मिल रहा और आंगनबाड़ी केंद्रों में मनमानी चल रही है. इन्हीं बातों की वह सारी सच्चाई जानने का प्रयास कर रहे हैं.
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