झारखंड में सरकारी आयोगों का खस्ताहाल है. कहीं कर्मचारी नहीं है, तो कहीं आयोग में अध्यक्ष-सचिव के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं. ऐसे में इन आयोगों में कामकाज प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन इसकी सूध लेना वाला कोई नहीं.